Sunday 14 February 2016

सिल्वर जुबली मनाने में जुटे थे नाइपर के डायरेक्टर, करोड़ों के घोटाले में उठा ले गई CBI

 मोहाली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने शनिवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) के कार्यवाहक निदेशक प्रो केके भूटानी को उस समय उठाकर ले गए , जब वे अपने ऑफिस में संस्थान के सिल्वर जुबली सम्मेलन को लेकर प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे। ये है मामला...

नाइपर में सरकारी ग्रांट में हुए जिस घोटाले का भास्कर तीन साल पहले खुलासा कर चुका है, उस पर सीबीआई ने मोहर लगा दी। सीबीआई ने शुक्रवार को नाइपर में रेड की थी। नाइपर डायरेक्टर डॉ. केके भूटानी को साथ लेते हुए उनके घर ऑफिस में छापेमारी की थी, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। इसके बाद इंस्टीट्यूट के रजिस्ट्रार को सीबीआई की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ चंडीगढ़ ऑफिस ले गई।

कुछ ऐसे घोटालों की हो रही हैं जांच...

- ऑडिटोरियम बनाया जाना था। 5 करोड़ रुपए मंजूर हुए, लेकिन कहां है किसी को नहीं पता?
- ऑडिटोरियम के लिए एक करोड़ का फर्नीचर, 1.80 करोड़ के एसी लगे दिखाए गए। ऑडिटोरियम ही नहीं बना तो फर्नीचर एसी कहां लगे?

- फार्मा आरएंडडी (एमबीए) के लिए 1.75 और 1.60 करोड़ मंजूर हुए, आज तक स्थापित नहीं किया?

- इंटलएक्च्युटल प्रॉपर्टी राइट्स डिपार्टमेंट बनाने के लिए सवा दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। लेकिन नहीं बनाया गया।

- सीबीआई करीब 50 प्रोजेक्ट्स से जुड़े दस्तावेजों की फाइलें अपने साथ ले गई। इनमें वह प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जिनके नाम पर करोड़ों रुपए का खेल खेला गया।

http://www.bhaskar.com/news/c-3-1174865-ch0409-NOR.html




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